Kavita Gautam

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फूल और खुशबू

"फूल और खुशबू"

खोया खोया है चांद आसमां में इस कदर
जैसे फूलों में खुशबू खोई सी रहती है...

खोकर फूल में अपने अस्तित्व को
फूल के ही नाम से मशहूर होती है...

भले ही ताउम्र महकती रहती है
कहां उसकी कोई अपनी मगर पहचान होती है...

मुरझा जाए अगर कभी फूल तो
अपने अस्तित्व को तब भी उसमें जिंदा रखती है...

महकती रहती है आखिरी सांस तक
खुद की पहचान को फूल में इस कदर घोल देती है...

कविता गौतम...✍️
3-6-22 
प्रतियोगिता हेतु 


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13 Comments

Priyanka06

10-Aug-2022 08:07 AM

बेहतरीन रचना

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Seema Priyadarshini sahay

04-Jun-2022 05:37 PM

बेहतरीन

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Barsha🖤👑

04-Jun-2022 02:16 PM

Nice

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